
सस्टेनेबल लॉजिस्टिक के क्षेत्र सॉल्ट ट्रेलर्स का आगाज
जिंदल स्टेनलेस की पहल, गुजरात और राजस्थान के प्रमुख फ़्लीट एवं परिवहन ऑपरेटर्स इन ट्रेलरों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए कर रहे मूल्यांकन
जयपुर. जिंदल स्टेनलेस ने हाल ही में अत्याधुनिक ‘सॉल्ट टिपर ट्रेलर’ लॉन्च किया। सॉल्ट ट्रेलरों में स्टेनलेस स्टील के उपयोग से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं, जैसे जंग लगना, कम सस्टेबेनलिटी, सीमित उपयोग अवधि और उच्च रखरखाव खर्च, का समाधान संभव होगा। सॉल्ट ट्रेलर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक पदार्थ पर आमतौर पर 3-4 वर्षों में ज़ंग लग जाता है, जिससे कामकाज में रुकावट आती है और मरम्मत का खर्च बढ़ जाता है। इसके विपरीत, स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल से ट्रेलर का वजन लगभग 25% तक कम हो जाता है, जो अन्य कारणों के साथ मिलकर 10 वर्षों में लगभग 25–30 लाख रुपए की लागत बचत और लगभग 15–20 वर्षों की अनुमानित आयु प्रदान कर सकता है। गुजरात और राजस्थान के प्रमुख फ़्लीट एवं परिवहन ऑपरेटर्स इन ट्रेलरों का अपने संयुक्त बेड़े में तैनाती के लिए मूल्यांकन कर रहे हैं। जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बताया कि यह नया लॉन्च खासकर सांभर, कुचामन और नावा जैसी जगहों में लॉजिस्टिक के लिए उपयोगी होगा, जहां नमक का उत्पादन होता है।
इंडस्ट्री से जुड़ीं रिपोर्टों के अनुसार, भारत के ट्रेलर ट्रक बाजार में प्रतिवर्ष लगभग 70,000 ट्रेलरों की मांग होती है, जिससे नमक की ढुलाई समेत विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताएं पूरी होती हैं। गुजरात इस इनोवेशन की शुरुआत के लिए सबसे उपयुक्त जगह है, क्योंकि हर साल भारत में 33- 35 मिलियन टन नमक उत्पादन में से 85% से अधिक उत्पादन इसी राज्य में होता है। गुणवत्ता और बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए, जिंदल स्टेनलेस प्रमाणित फैब्रिकेटरों और आईटीआई से प्रशिक्षित विशेषज्ञों के साथ काम कर रही है। कंपनी स्टेनलेस स्टील अकादमियों के जरिये कर्मचारियों को कुशल बनाने पर भी जोर दे रही है। इसके अलावा, वह उद्योग संघों और सरकारी लॉजिस्टिक्स संस्थाओं के साथ मिलकर ज़ंग से प्रभावित नमक और दूसरे परिवहन क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील ट्रेलरों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।