सस्टेनेबल लॉजिस्टिक के क्षेत्र सॉल्ट ट्रेलर्स का आगाज

जिंदल स्टेनलेस की पहल, गुजरात और राजस्थान के प्रमुख फ़्लीट एवं परिवहन ऑपरेटर्स इन ट्रेलरों को अपने बेड़े में शामिल करने के लिए कर रहे मूल्यांकन

जयपुर. जिंदल स्टेनलेस ने हाल ही में अत्याधुनिक ‘सॉल्ट टिपर ट्रेलर’ लॉन्च किया। सॉल्ट ट्रेलरों में स्टेनलेस स्टील के उपयोग से लॉजिस्टिक्स क्षेत्र की लंबे समय से चली आ रही समस्याओं, जैसे जंग लगना, कम सस्टेबेनलिटी, सीमित उपयोग अवधि और उच्च रखरखाव खर्च, का समाधान संभव होगा। सॉल्ट ट्रेलर के निर्माण में इस्तेमाल होने वाली पारंपरिक पदार्थ पर आमतौर पर 3-4 वर्षों में ज़ंग लग जाता है, जिससे कामकाज में रुकावट आती है और मरम्मत का खर्च बढ़ जाता है। इसके विपरीत, स्टेनलेस स्टील के इस्तेमाल से ट्रेलर का वजन लगभग 25% तक कम हो जाता है, जो अन्य कारणों के साथ मिलकर 10 वर्षों में लगभग 25–30 लाख रुपए की लागत बचत और लगभग 15–20 वर्षों की अनुमानित आयु प्रदान कर सकता है। गुजरात और राजस्थान के प्रमुख फ़्लीट एवं परिवहन ऑपरेटर्स इन ट्रेलरों का अपने संयुक्त बेड़े में तैनाती के लिए मूल्यांकन कर रहे हैं। जिंदल स्टेनलेस के प्रबंध निदेशक अभ्युदय जिंदल ने बताया कि यह नया लॉन्च खासकर सांभर, कुचामन और नावा जैसी जगहों में लॉजिस्टिक के लिए उपयोगी होगा, जहां नमक का उत्पादन होता है।
इंडस्ट्री से जुड़ीं रिपोर्टों के अनुसार, भारत के ट्रेलर ट्रक बाजार में प्रतिवर्ष लगभग 70,000 ट्रेलरों की मांग होती है, जिससे नमक की ढुलाई समेत विभिन्न क्षेत्रों की आवश्यकताएं पूरी होती हैं। गुजरात इस इनोवेशन की शुरुआत के लिए सबसे उपयुक्त जगह है, क्योंकि हर साल भारत में 33- 35 मिलियन टन नमक उत्पादन में से 85% से अधिक उत्पादन इसी राज्य में होता है। गुणवत्ता और बड़े पैमाने पर उत्पादन सुनिश्चित करने के लिए, जिंदल स्टेनलेस प्रमाणित फैब्रिकेटरों और आईटीआई से प्रशिक्षित विशेषज्ञों के साथ काम कर रही है। कंपनी स्टेनलेस स्टील अकादमियों के जरिये कर्मचारियों को कुशल बनाने पर भी जोर दे रही है। इसके अलावा, वह उद्योग संघों और सरकारी लॉजिस्टिक्स संस्थाओं के साथ मिलकर ज़ंग से प्रभावित नमक और दूसरे परिवहन क्षेत्रों में स्टेनलेस स्टील ट्रेलरों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है।

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गैंगस्टर आनंदपाल के किलेनुमा टॉर्चर हाउस पर चला बुल्डोजर

-प्रशासन ने भारी पुलिसबल की मौजूदगी में किया ध्वस्त

– भवन को गिराने में लगेंगे 24 घंटे और, भवन देखकर छात्राओं को लगता था भय

डीडवाना. प्रशासन ने कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस को बुधवार को ध्वस्त कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी से इसे ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि पूरी दिन की कार्रवाई के बाद भवन आधा ही गिर पाया, पूरी तरह से जमींदोज करने में 24 घंटे और लगेंगे। 8 बीघा जमीन के एक हिस्से में बना यह टॉर्चर हाउस 2016 में उसकी फरारी के दौरान कुर्क कर राजकीय संपत्ति घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने आनंदपाल को जून 2017 को एनकाउंटर में मार गिराया था। अब इस आठ बीघा भूमि में राजकीय बालिका महाविद्यालय संचालित है, अब भवन को गिराने की कार्रवाई की गई।

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि आनंदपाल ने निंबी जोधा रोड के पास इस फार्महाउस में टॉर्चर रूम तैयार कर रखा था। यहां वह अपने विरोधियों और फिरौती के लिए अगवा किए गए लोगों को यातनाएं देता था। इस भवन को आनंदपाल ने किले जैसा बनवाया था। दीवारों में छेद बने थे, जिससे बाहर की ओर गोलीबारी की जा सकती थी। राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर गजादान चरण के अनुसार यह भवन महिला कॉलेज परिसर में छात्राओं में भय का कारण बना था। एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि यह भवन आनंदपाल की आपराधिक गतिविधियों की याद दिलाता था, इसलिए इसे हटाने का निर्णय लिया गया। कार्रवाई में पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल, तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा (डीडवाना), उपखंड अधिकारी मीनू वर्मा, थानाधिकारी महीराम विश्नोई शामिल रहे।

कोर्ट में चल रहा विवाद

ध्वस्त की गई इमारत और भूमि को लेकर कोर्ट में वाद विचाराधीन है। सांवराद निवासी दलित सीतादेवी पत्नी धर्मेन्द्र ने दावा किया है कि यह भूमि उनकी खातेदारी में है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है, जो फिलहाल विचाराधीन है। स्थानीय नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कदम हाल ही में हुए कुचामन के रमेश रुलानिया हत्याकांड में अपनी नाकामी और जनाक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए उठाया है।

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पटाखा दुकान में सेंध : छत के रास्ते अंदर घुसे चोर ने 4 कर्टन-कट्टे पटाखों के पार

– शहर के व्यस्तम गांधी चौक पर मंगलवार रात की वारदात

मेड़ता सिटी.

शहर के गांधी चौक स्थित एक पटाखे की दुकान में मंगलवार देर रात अज्ञात चोर 4 कट्टों में रखे पटाखे चुराकर ले गए। दो युवक बाइक पर आए। जिसमें से एक युवक दुकान के पास उतरा गया और दूसरा बाइक लेकर वापस चला गया। इसके बाद युवक छत के रास्ते दुकान में घुसा पटाखों का माल लेकर फरार हो गया।

गांधी चौक में स्थित व्यापारी अशोक के पटाखे की दुकान में रात करीब 2:15 बजे युवक छत से खिड़की के रास्ते अंदर घुसा। उसने दुकान में रखे कार्टन और कट्टों को एक-एक कर नीचे गिराया और तीन से चार कट्टों में भरा हुआ पटाखों का माल बाहर निकाला। बताया जा रहा है कि सामने की दुकान में लगे सीसीटीवी कैमरे में पूरी वारदात कैद हो गई,। जिसमें युवक बार-बार अंदर-बाहर आता-जाता नजर आ रहा है। करीब 4:00 बजे के आसपास वह माल लेकर फरार हो गया। सुबह जब दुकान मालिक दुकान पर पहुंचे तो उन्होंने देखा कि छत का एक हिस्सा खुला हुआ है और अंदर पटाखों के कई कट्टे गायब हैं। उन्होंने तुरंत आसपास के व्यापारियों को सूचना दी। कुछ ही देर में मौके पर लोगों की भीड़ जमा हो गई। सीसीटीवी फुटेज देखने पर सामने चोरी की पूरी वारदात के बारे में पता चला। शाम को व्यापारी थाने में मामला दर्ज करवाने के लिए पहुंचा।

रात को रहती है चहल-पहल, फिर भी नहीं हुआ किसी को शक

स्थानीय लोगों के अनुसार, गांधी चौक क्षेत्र में रात के समय भी लोगों की आवाजाही बनी रहती है। देर रात तक कुछ ठेले व चाय की दुकानें भी चलती रहती हैं। इसके बावजूद किसी को चोरी की भनक तक नहीं लगी। दीपावली से पहले चोरी की इस वारदात के बाद अन्य व्यापारी सतर्क हो गए हैं। इन दिनों में पटाखों, मिठाइयों और कपड़ों की दुकानों में माल की भरमार रहती है। व्यापारियों ने रात को पुलिस गश्त बढ़ाने की मांग की है।

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सक्रिय सिंडिकेट का चौथा बदमाश गिरफ्तार, तीन पहले ही सलाखों के पीछे

आरोपी के विरूद्ध गंभीर अपराधों के प्रकरण दर्ज

बारां/कवाई. पुलिस ने बुधवार को सक्रिय संगठित गिरोह के बदमाश को गिरफ्तार किया है। यह कई दिनों से वांछित था। अभियुक्त एक सक्रिय संगठित गिरोह का सदस्य है और अन्य व्यक्तियों को अपराध में सम्मिलित कर अपराध को बढ़ावा देता है। कोटा जिला निवासी आरोपी शाहबुद्दीन पुत्र कालू खान कोटा रेंज कोटा के कई थाना क्षेत्रों में मन्दिर चोरी, लूट, डकैती व नकबजनी जैसी घटनाओं में शामिल है।

कई महीनों से फरार था आरोपी

पुलिस अधीक्षक अभिषेक अंदासु ने बताया कि वांछित एवं फरार अपराधियों की गिरफ्तारी के लिए चलाए जा रहे विशेष अभियान के तहत अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक राजेश चौधरी के के सुपरविजन व पुष्पेन्द्र ङ्क्षसह आढ़ा वृताधिकारी अटरु के नेतृत्व में कवाई थानाधिकारी देवकरण चौधरी की टीम का गठन किया गया। दर्ज प्रकरण के अनुसार आरोपी कई माह से फरार था। काफी प्रयास के बावजूद भी गिरफ्तार नहीं होने पर टीम ने कवाई में दर्ज लूट के प्रकरण के वांछित अभियुक्त शाहबुद्दीन पुत्र कालू खान 36 वर्ष निवासी गडे1पान की झोपडिय़ा थाना सीमलिया को दबिश देकर गिरफ्तार किया है।

पूछताछ जारी, कई मामले और खुलेंगे

पुलिस ने बताया कि इस मामले में तीन आरोपियों शाकिर शूटर, राजेन्द्र उर्फ राजू व नरेश मीणा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है। गिरफ्तार आरोपी शाहबुद्दीन कोटा रेंज कोटा के कई थाना क्षेत्रों में मन्दिर चोरी, लूट, डकैती व नकबजनी जैसे संगठित अपराध की घटनाओं में शामिल है। आरोपी से पूछताछ की जा रही है। इसकी संलिप्तता पाई गई है। जिनके संबंध में आरोपी से गहनता से अनुसंधान किया जा रहा है।

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सुरक्षा के माकूल बंदोबस्त न नियमों की पालना, एसी बसों में आपातकालीन द्वार, नॉन एसी में नहीं

जैसलमेर में निजी एसी बस की आग ने पूरे देश व प्रदेश को झकझोर दिया है और अब तक इस हादसे में 21 जनों की मौत हो चुकी है और कई और जिंदगी व मौत के बीच झूल रहे हैं। ऐसे में एक बार फिर सडक़ों पर धड़ल्ले से दौडऩे वाली निजी बसों में सुरक्षा के इंतजामों का मुद्दा उभर कर सामने आया है। पत्रिका टीम ने जैसलमेर व पोकरण में क्षेत्र में संचालित निजी बसों की पड़ताल की तो उनमें न तो आग लगने जैसी दुर्घटना से तुरंत बचाव के लिए सुरक्षा के इंतजाम नजर आए और इक्का-दुक्का बसों को छोड़ कर किसी में प्राथमिक उपचार तक की व्यवस्था उपलब्ध नहीं दिखी। गौरतलब है कि जैसलमेर से लगभग प्रतिघंटा निजी बस पोकरण होते हुए जोधपुर जाती है, इसके अलावा जयपुर, अहमदाबाद, उदयपुर, बीकानेर, कोटा, बाड़मेर, सहित दिल्ली, मुंबई, पुणे, सूरत, भीलवाड़ा सहित लंबे रूट्स पर निजी बसों का संचालन होता है। ये बसें एसी व नॉन एसी होने के साथ सीटिंग व स्लीपर दोनों तरह की हैं। कई बसें स्टेज कैरिज नहीं होने के बावजूद हर गांव-ढाणी के बस स्टैंड पर रुकती और सवारियां लेती व उतारती है।

कुल 211 बसों को परमिट

जिला परिवहन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार जैसलमेर जिले से कुल 211 बसों को परमिट किया गया है। इसमें ऑल इंडिया के 21, स्टेट कैरिज (अन्य) के 85, स्टेट कैरिज (ग्रामीण) के 42, कॉन्ट्रेक्ट कैरिज (ऑल राजस्थान) के 22 और कॉन्ट्रेक्ट कैरिज (सम्भागीय) के 41 परमिट जारी किए गए हैं।

एसी में 2 तो नॉन एसी में 1 दरवाजा

  • हादसे के बाद बुधवार को जैसलमेर व पोकरण में बसों की वास्तविकता देखी गई। एक दर्जन से ज्यादा बसों की जांच किए जाने पर एसी बसों में मुख्य द्वार के अलावा आपातकालीन द्वार भी बना हुआ था। दूसरी तरफ नॉन एसी बसों में केवल आगे मुख्य द्वार ही मिला। कोई आपातकालीन दरवाजा या खिडक़ी नहीं मिली।
  • लोक परिवहन से संबंध बसें कंपनी से बनी-बनाई ली जाती है। जबकि निजी यात्री बसों के लिए कंपनी से चैसिस लेते हैं और बाजार से उसकी बॉडी बनाई जाती है। इस दौरान यात्रियों की सुविधा का कोई ध्यान नहीं रखा जाता है।
  • दोनों तरफ सीटों के बाद बीच में गैलेरी में जगह बिल्कुल कम रहती है। दो यात्री एक साथ नहीं निकल पाते हैं। ऐसे में कोई आपातकालीन स्थिति में यात्रियों को बाहर निकलने के दौरान उनके फंसने की समस्या उत्पन्न हो जाती है।

यहां नियम ताक पर

  • जैसलमेर जिले में बसों की बॉडी बनाने का काम नहीं होता। जोधपुर में करीब 3-4 दर्जन लोग बसों की बॉडी बनाने का काम करते हैं। इसके अलावा स्थानीय टे्रवल कम्पनियों वाले यह कार्य उदयपुर आदि शहरों से भी करवाते हैं।
  • सीटिंग, स्लीपर, एसी व नॉन एसी बसों की चैसिस 11, 12 व 13.5 मीटर की आती है। नियमों के अनुसार 11 मीटर में 52 सीटर की सीटिंग बस की बॉडी बनती है। 12 मीटर में 5 स्लीपर और 13.5 मीटर में 6 स्लीपर बनते है। जिले में संचालित अधिकांश स्लीपर एसी व नॉन एसी बसों की चैसिस 12 मीटर की है। जिनमें नियमों को ताक पर रखकर 6 स्लीपर बनाई जाती है।
  • परिवहन विभाग की ओर से बिना किसी जांच पड़ताल के ऐसी बसों को परमिट दे दिया जाता है। जिससे यात्रियों को बैठने में भी परेशानी होती है।
  • बसों के स्लीपर में एक तरफ एक सीट एवं दूसरी तरफ दो सीट होती है। जबकि निजी बसों के संचालकों की ओर से एक सीट पर 3 तो 2 सीट पर 6 सवारियों को बिठाया जाता है। ऐसे में यात्रियों को बैठने में तो परेशानी होती ही है, उनका दम भी घुटने लगता है।

जिम्मेदारों की अनदेखी भी बड़ा कारण

इस तरह का हादसा होने के बाद हर कोई कारणों की पड़ताल में जुटा है लेकिन एक बात तय है कि समय रहते जिला प्रशासन और पुलिस के आला अधिकारी शायद ही कभी इन बसों की स्थिति, नियमों की पालना के हालात आदि जानने के लिए निरीक्षण करते हैं। जबकि जिले की कमान उनके पास है। निजी बसों के संचालक अपनी मनमानी के लिए वर्षों से कुख्यात हैं, इसके बावजूद उनके खिलाफ कभी-कभार किसी तरह का बड़ा हादसा होने पर रस्मी कार्रवाइयां भर कर दी जाती हैं। थोड़े दिनों बाद सबकुछ पुराने ढर्रे पर लौट आता है।

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Jaisalmer Bus Fire: 19 लोग जिंदा जले… एक की अस्पताल में हुई मौत, सीएम भजनलाल पहले जैसलमैर फिर जोधपुर पहुंचे

जोधपुर। जैसलमेर में हुए बस अग्निकांड में कुल 20 लोगों की मौत हुई है। 19 लोगों की जिंदा जलकर मौके पर ही मौत हो गई। वहीं एक व्यक्ति की जोधपुर में इलाज के दौरान मौत हो गई। सीएम भजनलाल शर्मा हादसे के बाद खुद जैसलमेर पहुंचे, जहां पर बस में आग लगी। जैसलमेर बस हादसे में नष्ट हुई बस का सीएम ने निरीक्षण किया। इसके बाद वे जोधपुर पहुंचे।

जैसलमेर पहुंचने पर सीएम भजनलाल शर्मा ने आर्मी के जवानों एवं स्थानीय नागरिकों द्वारा इस हादसे में की गई मदद एवं सहायता के लिए सभी का आभार जताया एवं धन्यवाद दिया। इस दौरान पोखरण के विधायक प्रताप पूरी एवं विधायक सांग सिंह भाटी सहित प्रशासन के अधिकारी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने घटना की गंभीरता एवं दुखांतिका के कारण कल पटना में प्रचार का कार्यक्रम स्थगित कर दिया है।

CM Bhajan Lal Sharma
जैसलमेर में बस का निरीक्षण करने पहुंचे सीएम भजनलाल शर्मा (फोटो-पत्रिका)

घायलों का सीएम ने जाना हाल

जैसलमेर की अस्पताल से 16 गंभीर घायलों को जोधपुर की महात्मा गांधी अस्पताल रेफर किया गया था, जिसमें से एक व्यक्ति की मौत हुई है। सीएम भजनलाल शर्मा जैसलमेर के बाद जोधपुर की महात्मा गांधी अस्पताल में भर्ती हादसे में घायल व्यक्तियों से मिले। इस दौरान सीएम के साथ कई मंत्री और विधायक के अलावा प्रशासनिक अमला मौजूद रहा। इसके बाद सीएम भजनलाल पीडितों के परिजनों से मुलाकात करेंगे।

पुलिस महानिरीक्षक ने दी जानकारी

पुलिस महानिरीक्षक रेंज जोधपुर राजेश मीणा ने बताया कि हादसे में 19 यात्रियों की मौके पर ही जिंदा जलने से मृत्यु हो गई। 16 यात्रियों को जोधपुर रेफर किया गया था। इसमें एक की मृत्यु हो गई। कुल 20 की मृत्यु हुई है।

बिल्कुल नई बस थी

राजेश मीणा ने बताया कि बस बिल्कुल नई थी। एक अक्टूबर को ही बस का रजिस्ट्रेशन हुआ था और यह संभवत: उसका तीसरा चक्कर था। बैटरी में शॉर्ट सर्किट हुआ था। एसी की वायरिंग में भी शॉर्ट सर्किट हुआ था। फिर पर्दों और ज्वलनशील रैग्जीन की सीटें चपेट में आने से आग भीषण हो गई। इस संबंध में और जांच की जाएगी।

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Jaipur Leopard Safari झालाना जंगल के मुख्य द्वार पर लेपर्ड की साइटिंग, पर्यटक रोमांचित

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Nagaur patrika…किले की ढाल से सदर बाजार तक झिलमिलाया बाजार: दीपोत्सव के रंग में रंगने लगा शहर…VIDEO

नागौर. दीपावली को अब महज पांच दिन शेष रह गए हैं। दीपोत्सव महापर्व के नज़दीक आने के साथ ही बाजार का रंग बदलने लगा है। किले की ऐतिहासिक ढाल से लेकर सदर बाजार तक दुकानों पर सामान सजे हुए नजर आने लगे हैं। शाम को सात से आठ बजे तक बंद होने वाला बाजार अब शाम रंग-बिरंगी रोशनी में बदलने लगा है। दुकानों के बाहर झिलमिलाती झालरों की कतारें, दीयों की लौ की रोशनी में बाजार का रंग बदल चुका है। लोगों को चहल

कपड़ा बाजार में फैशन और परंपरा का संगम
शहर का कपड़ा बाजार इस समय रंगों की रोशनी में चमकने लगा है। पारंपरिक परिधानों की दुकानों पर भी भीड़ अब होने लगी है। दुपट्टों की झिलमिल, साडिय़ों की चमक और परिधानों में पारंपरिक डिज़ाइनों में ढले कपड़ों की खरीद करती महिलाओं की भीड़ से बाजार अब मुस्कराता नजर आ रहा है। दुकानदारों में राजेन्द्र असावा से बातचीत हुई तो इनका कहना है कि इस बार भी ग्राहकों की रुचि पारंपरिक परिधानों से के प्रति घटी नहीं है। इसमें गोटा-पट्टी, और राजस्थानी प्रिंट वाली साडिय़ों की मांग बढ़ी है। इसके साथ ही दुकानों पर युवाओं के बीच नए डिजाइन के कुर्ते और इंडो-वेस्टर्न परिधानों के लुक वाले कपड़े खूब बिक रहे हैं। कपड़ा बाजार में इस बार फैशन और परंपरा का मिलाजुला संगम नजर आ रहा है।

सर्राफा बाजार में लौटी सोने-चांदी की चमक
पिछले कुछ महीनों से सन्नाटे में डूबे रहने वाला शहर का सर्राफा बाजार फिर से दमक उठा है। दीपोत्सव का पर्व नजदीक आने के साथ ही दुकानों पर ग्राहकों की भीड़ होने लगी है। महिलाएं नई डिजाइन की चूडिय़ों, झुमकों और हार सेट को देखने में व्यस्त नजर आने लगी हैं। चांदी के सिक्कों और लक्ष्मी-गणेश प्रतिमाओं की बिक्री भी शुरू हो गई है। व्यापारी व्यापारी वर्धमान बताते हैं कि इस बार त्योहारी मौसम में लगभग 25 से 30 प्रतिशत तक अधिक कारोबार होने की उम्मीद है। बाजार अब फिर से चमकने लगा है।
मिठाई और बर्तन बाजारों में बढ़ी चहल-पहल
दीपावली नजदीक आने के साथ ही शहर की गलियों में इस समय घी, खोवा और चाशनी की खुशबू हवा में घुलने लगी है। मिठाई की दुकानों पर भी अब ज्यादा चहल-पहल होने लगी है। खरीदारों के बीर्च रसगुल्ला, केसर बर्फी और रस माधुरी की मांग बनी हुई है। मिठाई बाजार के साथ ही बर्तन बाजार में भी खरीदारों के पहुंचने से दुकानदार उत्साहित हैं। लोग तांबे, स्टील और चांदी के बर्तनों की खरीद में जुटे हैं। दुकानदारों का कहना है कि इस बार दीवाली से पहले ही बिक्री पिछले साल की तुलना में 40 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है।

पंसारी बाजार में दीयों और रंगोली की जगमगाहट
शहर का पंसारी बाजार भी इस समय रंगीन और चमकदार नजर आने लगा है।गांधी चौक में जहां मिट्टी के दीयों की कतारें सजी-धजी ग्राहकों को लुभाने लगी है, पंसारी बाजार में रंगोली के पैकेट, सुगंधित धूपबत्तियाँ और पूजा सामग्री की स्टॉल पर खरीदार एवं दुकानदार दोनो ही व्यस्त नजर आने लगे हैं। बाजारों में मिट्टी के दीयों के साथ ही रंगीन झालरों की भी अब खरीद होने लगी है।

रोशनी से नहाया शहर
किले की ढाल से लेकर सदर बाजार तक रात्रि में शहर अब इस समय दीपोत्सव के रंग में बदला नजर आने लगा है। रंग-बिरंगी झालरों से निकलती रोशनी के बीच बाजारों में बढ़ती खरीदारों की भीड़ से माहौल अब पूरी तरह से बदल चुका है। दुकानदार जहां लोगों की भीड़ से बेहतर व्यापार होने की उम्मीद से उत्साहित हैं, वहीं खरीदारों की चहल-पहल बढऩे से बाजार का रंग अब पूरी तरह से उत्साह के रंग में रंगा हुआ नजर आने लगा है।

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jaisalmer bus fire accident चिकित्सा और पुलिस प्रशासन ने शुरू कीं ये तैयारी

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Nagaur patrika…प्लास्टिक विरोधी अभियान में एक क्विंटल प्रतिबंधित पॉलिथिन-सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पाद जब्त, कई दुकानों पर कार्रवाई…VIDEO

नागौर. शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक और प्रतिबंधित पॉलिथिन के खिलाफ नगरपरिषद की ओर से मंगलवार को विशेष अभियान चलाया गया। अभियान का नेतृत्व नगरपरिषद आयुक्त गोविंद सिंह भींचर ने किया। इस दौरान परिषद की टीम ने दिल्ली दरवाजा, गांधी चौक और पुराने शहर के क्षेत्रों में दुकानों और प्रतिष्ठानों की तलाशी ली। इस दौरान कुछ दुकानदारों ने इस कार्यवाही का विरोध किया तो उनसे समझाइश की गई कि वह प्रतिबंधित पालीथिन एवं सिंगल यूज प्लास्टिक का इस्तेमाल या बिक्री नहीं करें, और पर्यावरण को बेहतर करने में सहयोग करने का काम करें। निरीक्षण के दौरान टीम को कई स्थानों पर सिंगल यूज प्लास्टिक के ग्लास, थालियां और पॉलिथिन बैग मिले। कार्रवाई के तहत करीब एक क्विंटल प्रतिबंधित प्लास्टिक उत्पाद जब्त किए गए। टीम ने लगभग एक दर्जन दुकानों पर जांच की और कई स्थानों पर चेतावनी भी दी। इसी तरह संजय सर्किल और बीकानेर रेलवे फाटक के पास हाथ ठेला विक्रेताओं से करीब 900 ग्राम प्रतिबंधित पॉलिथिन जब्त की गई। उन्होंने कहा कि नगरपरिषद का यह अभियान आगे भी जारी रहेगा , और भविष्य में दोबारा उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्यवाही की जाएगी।

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