गैंगस्टर आनंदपाल के किलेनुमा टॉर्चर हाउस पर चला बुल्डोजर

-प्रशासन ने भारी पुलिसबल की मौजूदगी में किया ध्वस्त

– भवन को गिराने में लगेंगे 24 घंटे और, भवन देखकर छात्राओं को लगता था भय

डीडवाना. प्रशासन ने कुख्यात गैंगस्टर आनंदपाल सिंह के टॉर्चर हाउस को बुधवार को ध्वस्त कर दिया। भारी पुलिस की मौजूदगी में जेसीबी से इसे ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि पूरी दिन की कार्रवाई के बाद भवन आधा ही गिर पाया, पूरी तरह से जमींदोज करने में 24 घंटे और लगेंगे। 8 बीघा जमीन के एक हिस्से में बना यह टॉर्चर हाउस 2016 में उसकी फरारी के दौरान कुर्क कर राजकीय संपत्ति घोषित कर दिया गया था। पुलिस ने आनंदपाल को जून 2017 को एनकाउंटर में मार गिराया था। अब इस आठ बीघा भूमि में राजकीय बालिका महाविद्यालय संचालित है, अब भवन को गिराने की कार्रवाई की गई।

पुलिस अधीक्षक ऋचा तोमर ने बताया कि आनंदपाल ने निंबी जोधा रोड के पास इस फार्महाउस में टॉर्चर रूम तैयार कर रखा था। यहां वह अपने विरोधियों और फिरौती के लिए अगवा किए गए लोगों को यातनाएं देता था। इस भवन को आनंदपाल ने किले जैसा बनवाया था। दीवारों में छेद बने थे, जिससे बाहर की ओर गोलीबारी की जा सकती थी। राजकीय कन्या महाविद्यालय के प्राचार्य डॉक्टर गजादान चरण के अनुसार यह भवन महिला कॉलेज परिसर में छात्राओं में भय का कारण बना था। एसपी ऋचा तोमर ने बताया कि यह भवन आनंदपाल की आपराधिक गतिविधियों की याद दिलाता था, इसलिए इसे हटाने का निर्णय लिया गया। कार्रवाई में पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल, तहसीलदार अनिरुद्ध देव पांडेय, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा (डीडवाना), उपखंड अधिकारी मीनू वर्मा, थानाधिकारी महीराम विश्नोई शामिल रहे।

कोर्ट में चल रहा विवाद

ध्वस्त की गई इमारत और भूमि को लेकर कोर्ट में वाद विचाराधीन है। सांवराद निवासी दलित सीतादेवी पत्नी धर्मेन्द्र ने दावा किया है कि यह भूमि उनकी खातेदारी में है। उन्होंने प्रशासन की कार्रवाई के खिलाफ राजस्थान उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर रखी है, जो फिलहाल विचाराधीन है। स्थानीय नागरिकों ने यह भी आरोप लगाया कि प्रशासन ने यह कदम हाल ही में हुए कुचामन के रमेश रुलानिया हत्याकांड में अपनी नाकामी और जनाक्रोश से ध्यान भटकाने के लिए उठाया है।

​ ​