जोधपुर क्रिकेट एसोसिएशन पर गिरी गाज, आरसीए एडहॉक कमेटी ने की डीसीए की मान्यता रद्द

जोधपुर। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन की एडहॉक कमेटी ने जोधपुर जिला क्रिकेट संघ (डीसीए) की मान्यता रद्द कर दी है। वर्तमान में डीसीए के अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर हैं। डीसीए की मान्यता रद्द होने से जोधपुर के क्रिकेट से जुड़े अन्य लोगों में हलचल मच गई है। आरसीए कन्वीनर दीनदयाल कुमावत ने बताया कि लोकपाल में कमेटी के तीन और सदस्यों के खिलाफ आरसीए के संविधान के खिलाफ काम करने को लेकर शिकायत की है। जिसमें प्रतापगढ़ के पिंकेश जैन, अलवर के मोहित यादव और सीकर के आशीष तिवाड़ी शामिल हैं।

5 सितंबर को हुई थी वार्षिक बैठक

कुमावत ने बताया कि आरसीए की वार्षिक साधारण सभा 5 सितंबर 2025 को 21 दिन के पूर्व नोटिस के साथ आयोजित की गई थी। इसमें लोकपाल की नियुक्ति का एजेंडा शामिल था। उस बैठक में सभी सदस्यों ने सर्वसम्मति से मुझे लोकपाल नियुक्त करने का अधिकार दिया था। इसलिए 12 अक्टूबर को बुलाई गई बैठक में पारित प्रस्तावों का कोई औचित्य नहीं है।

धनंजय सिंह खींवसर पर लगे आरोप

कुमावत ने बताया कि धनंजय सिंह खींवसर नागौर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष रहते हुए जोधपुर जिला क्रिकेट संघ के अध्यक्ष भी बन गए। जबकि यह नियमों का उल्लंघन है। इसके साथ ही आरसीए के रिकॉर्ड के मुताबिक जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की किसी भी प्राथमिक इकाई में धनंजय सिंह न तो सदस्य हैं, न ही निर्वाचित पदाधिकारी। इसी आधार पर आरसीए की ओर से जोधपुर जिला क्रिकेट संघ की सदस्यता को 12 अक्टूबर 2025 से पहले ही निरस्त कर दिया गया और लोकपाल को भी भेज दिया था।

बिना जानकारी बैठक बुलाने का आरोप

कुमावत ने बताया कि रविवार को एडहॉक कमेटी के चार सदस्यों की बैठक आयोजित हुई। जो पूर्णतया अवैध है। वहीं उनकी ओर से लिए गए फैसले प्रभावहीन हैं। कुमावत ने कहा कि बैठक बुलाने का अधिकार संयोजक के पास होता है। राजस्थान खेल अधिनियम 2005 और आरसीए संविधान के अनुसार किसी भी बैठक को आहूत करने का अधिकार केवल संयोजक या अध्यक्ष के पास होता है। ऐसी किसी बैठक के लिए अति आवश्यक परिस्थितियों में भी लिखित आवेदन और कारण बताना अनिवार्य है। लेकिन इस मामले में ऐसा कोई आवेदन या सूचना नहीं दी गई। कुमावत ने आरोप लगाया कि यह बैठक उनकी जानकारी और सहमति के बिना पीठ पीछे आयोजित की गई है, इसलिए इस तथाकथित बैठक में पारित सभी प्रस्ताव पूर्णतः शून्य, आधारहीन और प्रभावहीन हैं।

धनंजय ने कहा- रद्द करने की घोषणा असंवैधानिक

डीसीए के अध्यक्ष धनंजय सिंह खींवसर ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए कहा कि सरकार की ओर से गठित एडहॉक समिति में सदस्य स्वरूप महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई है। जिसका निर्वहन मैं आज भी पूर्ण निष्ठा, पारदर्शिता और ईमानदारी से कर रहा हूं। ऐसे में संयोजक दीनदयाल कुमावत की ओर से लिए गए गलत निर्णयों और भ्रष्टाचारपूर्ण कार्यप्रणाली के विरुद्ध चार सदस्य पहले ही आपत्ति दर्ज करा चुके हैं। वहीं सोमवार को एडहॉक समिति के कन्वीनर डीडी कुमावत की ओर से जोधपुर डीसीए की मान्यता रद्द करने की घोषणा की गई है, जो पूर्णतया असंवैधानिक है। जिला क्रिकेट संघ की मान्यता रद्द करने का अधिकार कन्वीनर के पास नहीं है। वहीं बताया कि खेल नीति और आरसीए के संविधान के अनुसार जोधपुर जिला क्रिकेट संघ भी पूर्ण मान्यता प्राप्त एवं वैध है।

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गुजरात में यौन शोषण की शिकार हुई राजस्थान की नाबालिग, पेट दर्द हुआ तो पहुंची अस्पताल; बेटी को दिया जन्म

बांसवाड़ा। राजस्थान के बांसवाड़ा जिले के पाटन क्षेत्र की 16 वर्षीया किशोरी गुजरात के सूरत में यौन शोषण से गर्भवती हो गई। मजदूरी करने जाने पर आठ माह पूर्व हुई घटना की जानकारी से पीडि़ता बेखबर रहे। इसके बाद प्रसव वेदना पर अस्पताल ले जाने के बाद मामला सामने आया।

सूचना पर पाटन थाने की टीम अस्पताल पहुंची। किशोरी ने बच्ची को जन्म दिया। जच्चा-बच्चा दोनों की सेहत ठीक होने पर पुलिस ने पीडि़ता के बयान लिए। फिर पर्चा बयान के आधार पर कुशलगढ़ क्षेत्र के निवासी विकास नाम के युवक के खिलाफ यौन शोषण और पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया।

थानाधिकारी कालूलाल ने बताया कि प्राथमिक जांच कर पीडि़ता और उसकी बच्ची के डीएनए टेस्ट के सैंपल लिए हैं। आरोपी की पहचान नहीं हो पाई। घटना सूरत लिम्बायत थाना क्षेत्र की बताई गई। वारदात गैर इलाका होने से जीरो नंबर एफआईआर दर्ज कर संबंधित थाने को ऑनलाइन प्रेषित कर दी गई।

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Rajasthan : 21 अक्टूबर को लेकर उलझन में हैं सरकारी कर्मचारी, जानें क्या है माजरा

Rajasthan : साल 2024 की तरह ही इस बार भी दिवाली और गोवर्धन पूजा के बीच एक दिन का अंतराल है। लिहाजा सरकारी कलेंडर के अनुसार दिवाली की छुट्टी 20 अक्टूबर की रहेगी, लेकिन गोवर्धन पूजा और भाई दूज की छुट्टी 22 व 23 अक्टूबर की होगी। इस बीच 21 अक्टूबर को कार्य दिवस रहेगा। लगातार तीन दिन छुट्टी के बजाय एक दिन का अंतराल होने से कर्मचारी वर्ग में असमंजस की स्थिति है।

आमतौर पर गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन की जाती है। लेकिन, इस साल भी दिवाली के अगले दिन नहीं होकर एक दिन अंतराल के बाद की जाएगी। दिवाली भले ही दो दिन मना ली जाएगी, लेकिन अंतराल के दिन (21 अक्टूबर) कार्य दिवस ने उलझन में डाल दिया है। यही स्थिति पिछले साल भी देखी गई थी, वहीं 2 साल पहले भी ऐसा हुआ है।

क्यों यह कभी-कभी होता है

प्रतिपदा तिथि पर गोवर्धन पूजा आती है। तिथि-सीमाएं स्थानीय समय और पंचांग पद्धति के आधार पर बदलती है। जब प्रतिपदा तिथि का आरभ समय और अमावस्या का समाप्ति समय ऐसे आते है कि सामान्य अगला दिन पंचांगीय रूप से नहीं बनता। ऐसे में पूजा एक दिन आगे बढ़ सकती है।

पंचांग सूत्रों ने दर्शाया है कि प्रातिपदा का आरभ-समय और किसी वर्ष में होने वाले ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा पारंपरिक रूप से अगले दिन के बजाय एक दिन आगे बढ़ गया। साल 2022 में ग्रहण के कारण गोवर्धन पूजा दिवाली के अगले दिन नहीं होकर एक दिन अंतराल के बाद की गई।

पहले कब कब रही यह स्थिति

2024 – दिवाली 31 अक्टूबर और गोवर्धन पूजा 2 नवंबर को थी।
2023 – दिवाली 12 नवंबर और गोवर्धन पूजा 14 नवंबर को थी।
2022 – दिवाली 24 अक्टूबर और गोवर्धन पूजा 26 अक्टूबर को थी।

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Rajasthan: केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह पहुंचे जयपुर, नए कानूनों पर प्रदर्शनी का किया उद्घाटन; 3 महीने में तीसरा दौरा

Amit Shah Jaipur Visit: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सोमवार को जयपुर पहुंचे, जहां उन्होंने जयपुर एग्जिबिशन एंड कंवेंशन सेंटर (JECC) में तीन नए आपराधिक कानूनों पर आयोजित राज्य स्तरीय प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। यह प्रदर्शनी 1 जुलाई 2024 से लागू भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम के एक साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित की गई है।

इस अवसर पर राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, उपमुख्यमंत्री दिया कुमारी, प्रेमचंद बैरवा, और कई अन्य कैबिनेट मंत्री उपस्थित रहे। शाह ने इस दौरान फॉरेंसिक साइंस लैब (FSL) के लिए नई वैन, महिला सुरक्षा के लिए पेट्रोलिंग स्कूटी और बाइक को भी हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

महिला सुरक्षा के लिए तकनीकी पर जोर

महिला सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए शाह ने पेट्रोलिंग स्कूटी और बाइक को हरी झंडी दिखाई। ये वाहन महिला पुलिस कर्मियों को सशक्त बनाने और शहरों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने में मदद करेंगे। इसके अलावा, फॉरेंसिक साइंस लैब के लिए नई वैन शुरू की गई। शाह ने पुलिस कार्य में तकनीक के उपयोग पर केंद्रित एक टेक्नोलॉजी आधारित सत्र की भी शुरुआत की, जिसमें डिजिटल और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से पुलिसिंग को और प्रभावी बनाने पर चर्चा हुई।

पिछले तीन महीनों में तीसरा दौरा

बताते चलें कि पिछले तीन महीनों में अमित शाह का राजस्थान का यह तीसरा दौरा है। इससे पहले वे 17 जुलाई को जयपुर में सहकार सम्मेलन के उद्घाटन के लिए आए थे और 21 सितंबर को जोधपुर में पारसमल बोहरा स्मृति महाविद्यालय भवन का शिलान्यास किया था। इसके अलावा, 6 अप्रैल को उन्होंने कोटपूतली के पावटा में एक आमसभा को संबोधित किया था।

यहां देखें वीडियो-

4 लाख करोड़ के प्रोजेक्ट्स को हरी झंडी

शाह ने राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट 2024 के तहत प्राप्त निवेश प्रस्तावों में से 4 लाख करोड़ रुपये के प्रोजेक्ट्स का शिलान्यास और लोकार्पण करेंगे। इस समिट का उद्देश्य राजस्थान में निवेश को बढ़ावा देना और आर्थिक विकास को गति प्रदान करना है। इसके साथ ही, विभिन्न विभागों के 9,300 करोड़ रुपये से अधिक के विकास कार्यों का उद्घाटन और शिलान्यास भी करेंगे। इनमें सड़क, बुनियादी ढांचा, और अन्य जनकल्याणकारी परियोजनाएं शामिल हैं।

इसके अलावा कार्यक्रम में पीएम सूर्य घर योजना के तहत 150 यूनिट मुफ्त बिजली योजना के रजिस्ट्रेशन की शुरुआत की जाएगी। यह योजना नागरिकों को सस्ती और सुलभ बिजली प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इसके अलावा, विद्यार्थियों को 260 करोड़ रुपये की यूनिफॉर्म सहायता राशि का डिजिटल हस्तांतरण किया जाएगा। वहीं, राजस्थान के दुग्ध उत्पादकों को 364 करोड़ रुपये की सब्सिडी का वितरण भी किया जाएगा।

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Digital Arrest : मुंबई में मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज बताकर 10.26 लाख रुपए की ठगी

अलवर शहर में डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है। एक साइबर ठग ने खुद को टेलीफोन रेग्यूलेटिंग अथॉरिटी का अधिकारी बता एक व्यक्ति को फोन पर धमकाया, जिससे घबराए पीड़ित ने 10 लाख 26 हजार रुपए उसके बताए बैंक खाते में ट्रांसफर कर दिए।

पुलिस के अनुसार स्वर्ग रोड निवासी अमर सिंह पुत्र रामजीलाल यादव से 10.26 लाख रुपए की साइबर ठगी का मामला सामने आया है। एसएचओ राजपाल ने बताया कि पीड़ित के मोबाइल पर एक व्यक्ति का फोन आया। उसने खुद को टेलीफोन रेग्यूलेटिंग अथॉरिटी का अधिकारी बताकर पीड़ित की सिम कार्ड से अवैध गतिविधियां होने की बात कहकर डराया।

उसने कहा कि तुम्हारी सिम से 25 लाख रुपए के लेनदेन को लेकर मुम्बई में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला दर्ज है। इसे लेकर तुम्हारे खिलाफ गैर जमानती वारंट निकला है। इसलिए मामला रफा-दफा करो। घबराए पीड़ित ने 10 लाख 26 हजार रुपए ट्रांसफर कर दिए। साइबर पुलिस मामले की जांच कर रही है।

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अब घर-घर पहुंच रही पाइपलाइन से गैस, नए इलाकों में अब तक चार हजार कनेक्शन

उदयपुर. इस दीपावली उदयपुरवासियों की कई रसोई घरों में गैस कनेक्शन पहुंचेगा। लोगों को भारी-भरकम गैस सिलेंडर उठाने या खत्म होने की चिंता नहीं रहेगी, शहर में पाइपलाइन गैस सप्लाई का यह दायरा तेजी से लगातार बढ़ता जा रहा है।निजी कंपनी अभी बेदला, न्यू नवरतन कॉम्पलेक्स और प्रतापनगर क्षेत्रों में घर-घर कनेक्शन देने का काम कर रही है। वहीं हिरणमगरी क्षेत्र में पाइपलाइन डालने के लिए नगर निगम से खुदाई की स्वीकृति मांगी है। स्वीकृति मिलते ही 10 हजार नए कनेक्शन दिए जा सकेंगे।
अब तक 25 प्रतिशत क्षेत्र में बिछ चुकी लाइन
अदाणी गैस कंपनी के अधिकारियों के अनुसार, अब तक 25 प्रतिशत क्षेत्रों में पाइपलाइन का काम पूरा हो चुका है। कंपनी ने चित्तौडगढ़़ से स्टील पाइपलाइन डालकर गैस शहर तक पहुंचाई है। प्रतापनगर, भुवाणा बाइपास, मीरानगर, सौभागपुरा, नवरतन कॉम्पलेक्स और बेदला जैसी कॉलोनियों में 3500 से 4000 उपभोक्ताओं को गैस कनेक्शन मिल चुके हैं।

दिसम्बर तक और बढ़ेगी सप्लाई
कंपनी अधिकारियों ने बताया, दिसंबर तक और कई नए इलाकों में कनेक्शन शुरू कर दिए जाएंगे। सभी घरों में मीटर सिस्टम लगाया जा रहा है, जिससे जितनी खपत होगी उतना ही भुगतान उपभोक्ताओं को करना होगा।
यह होंगे प्रमुख फायदे
भारी सिलेंडर उठाने की झंझट खत्म
सिलेंडर खत्म होने की चिंता नहीं
एडवांस बुकिंग से मुक्ति
गैस चोरी और दुर्घटनाओं में कमी
लगातार और सुरक्षित सप्लाई

अंदरुनी शहर में अभी चुनौती
अंदरूनी शहर की संकरी गलियों और सीवरेज लाइन के जाल के कारण कंपनी को पाइपलाइन बिछाने में कठिनाई आ रही है। इन क्षेत्रों में 20 से 25 हजार कनेक्शन संभावित हैं। कंपनी ने यहां सर्वे शुरू कर दिया है, ताकि काम जल्द शुरू किया जा सके।

इनका कहना है
शहर के बाहरी इलाकों में पाइप लाइन डालने का काम पूरा हो चुका है। बाहरी इलाके ेकी कई न्यू कॉलोनियों में अब तक लाइन देने का काम किया जा चुका है। यह क्रम जारी है। हिरणमगरी में लाइन डालने के लिए निगम से स्वीकृति मांगी है।

दिलीप अग्रवाल, डीजीएम, अदाणी गैस

दिलीप अग्रवाल, डीजीएम, अदाणी गैस

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नयाशहर लूटकांड का पर्दाफाश: चार आरोपी गिरफ्तार, दो अब भी फरार, पुलिस ने सीसीटीवी और मुखबिरों से किया खुलासा

नयाशहर थाना क्षेत्र में दो दिन पहले हुई लूट की वारदात का पुलिस ने खुलासा कर दिया है। थाना अधिकारी कविता पूनिया के नेतृत्व में पुलिस ने चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जबकि दो अब भी फरार हैं। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर लूट की रकम बरामद करने का प्रयास कर रही है। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सौरभ तिवाड़ी और सीओ सिटी श्रवणदास संत के सुपरविजन में पुलिस टीम ने कार्रवाई की। टीम ने वारदात स्थल और आसपास के क्षेत्रों के सीसीटीवी फुटेज खंगाले, साथ ही मुखबिरों की सूचना पर संदिग्धों को चिन्हित किया।

यह आरोपी चढ़े पुलिस के हत्थे

थाना अधिकारी कविता पूनिया की टीम ने कार्रवाई करते हुए साजिद मुगल पुत्र मुश्ताक मुगल, निवासी रामपुरा बस्ती गली नंबर 2, साहिल पुत्र अय्यूब कायमखानी, निवासी सेखों का मोहल्ला, मोहम्मद अल्ताफ पुत्र मोहम्मद असलम और समीर पुत्र जाकिर हुसैन, निवासी यूनिक स्कूल के पास, रोशनीघर चौराहा को गिरफ्तार किया है। चारों से पूछताछ जारी है और पुलिस बाकी दो फरार युवकों की तलाश कर रही है।

यह था मामला

परिवादी हर्ष विजय निवासी स्टेशन रोड ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि 10 अक्टूबर की रात करीब पौने नौ बजे जब वह कोठारी अस्पताल के पास पहुंचा, तभी पीछे से आए बाइक सवार युवकों ने उस पर हमला कर आंखों में मिर्ची झोंक दी और बैग छीनने का प्रयास किया। झड़प के दौरान बैग फट गया और आरोपी उसमें रखे 2 लाख 81 हजार 345 रुपए लेकर फरार हो गए। परिवादी के अनुसार, बाइक सवारों के साथ एक कार भी थी, जिससे वह घबरा गया और मौके से भाग निकला।

छह युवक थे शामिल, दो अब भी फरार

थाना अधिकारी कविता पूनिया ने बताया कि वारदात में कुल छह युवक शामिल थे। तीनों ने पहले बाइक से रेकी की, जबकि तीन अन्य ने छीना-झपटी कर बैग लेकर फरार हुए। चार को गिरफ्तार कर लिया गया है, जबकि दो की तलाश जारी है।

कार्रवाई वाली टीम

कार्रवाई में थानाधिकारी कविता पूनिया, एसआई राकेश गोदारा, हंसराज, नरेश कुमार, पुरुषोत्तम, कपिल, अशोक, भवानी सिंह सहित एमपी नगर, कोतवाली और कोटगेट पुलिस टीम भी शामिल रही।

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तो अब शिक्षा विभाग की इस क्रांतिकारी पहल से सुधरेगा बच्चों का रिजल्ट…सरकारी स्कूलों में अब कोचिंग जैसा रिवीजन मॉडल

कोचिंग सेंटरों की तर्ज पर अब सरकारी स्कूलों में भी रिवीजन पर जोर रहेगा। शिक्षा विभाग ने निर्देश जारी किए हैं कि सभी स्कूलों में 15 नवंबर तक पूरा पाठ्यक्रम पूरा कर लिया जाए, ताकि दिसंबर में होने वाली अर्द्धवार्षिक परीक्षा से पहले रिवीजन कराया जा सके। शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि नियमित अध्ययन और पुनरावृत्ति से विद्यार्थियों की शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार होता है। रिवीजन केवल याद करने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि समझ को गहरा करने और ज्ञान को लंबे समय तक बनाए रखने का प्रभावी तरीका है। रिवीजन के दौरान विद्यार्थी अपनी कमजोरियों को पहचान सकते हैं और उनमें सुधार कर सकते हैं। इससे आत्मविश्वास बढ़ता है और परीक्षा के समय तनाव व घबराहट कम होती है।

ज्ञान को अल्पकालिक से दीर्घकालिक स्मृति में लाने पर फोकस

आदेश में कहा गया है कि जब विद्यार्थी किसी विषय की बार-बार पुनरावृत्ति करते हैं, तो वह जानकारी अल्पकालिक स्मृति से निकलकर दीर्घकालिक स्मृति में स्थायी रूप से दर्ज हो जाती है। इससे परीक्षा के समय उत्तर तेजी और सटीकता से दिए जा सकते हैं।

पाठ्यक्रम पूरा करने की समयसीमा तय

सभी शिक्षकों को निर्देश दिए गए हैं कि वे 15 नवंबर तक अपने-अपने विषयों का पाठ्यक्रम पूरा करें, ताकि इसके बाद केवल रिवीजन सत्र पर ध्यान केंद्रित किया जा सके। रिवीजन के दौरान कठिन विषयों पर विशेष ध्यान देने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि विद्यार्थियों का आत्मविश्वास बढ़े और कमजोर विषयों में भी वे बेहतर प्रदर्शन कर सकें।

पिछले सत्र जैसी नीति इस बार भी लागू

शिक्षा विभाग ने स्पष्ट किया है कि गत शिक्षा सत्र में राज्य स्तरीय समान परीक्षा से संबंधित जो नीलपत्र और दिशा-निर्देश जारी किए गए थे, वे इस सत्र में भी यथावत रहेंगे। सभी विद्यालयों को इन निर्देशों के अनुरूप तैयारी करने और परीक्षा पूर्व रिवीजन की ठोस व्यवस्था सुनिश्चित करने को कहा गया है।

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हटड़ी परंपरा: मिट्टी-बांस से बने शुभ प्रतीक से पूर्ण होती है दिवाली

दीपावली से पूर्व सरहदी जिले में परंपरा और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिलता है। मिरासी और मांगणियार समाज के लोग इन दिनों मिट्टी और बांस की लकडिय़ों से पारंपरिक हटड़ी बनाने में जुटे हैं। यह हटड़ी न केवल धार्मिक प्रतीक है, बल्कि इसे घर में शांति, सद्भाव और समृद्धि का प्रतीक भी माना जाता है। मान्यता है कि घर में हटड़ी होने से सभी मंगल कार्य बिना किसी बाधा के पूरे हो जाते हैं। दीपावली पर इसका पूजन विशेष रूप से किया जाता है। परंपरागत रूप से मिट्टी और बांस की लकडिय़ों से बनी हटड़ी ही सबसे शुभ मानी जाती है। माना जाता है कि ऐसी हटड़ी ग्रहों के अशुभ प्रभाव से बचाती है और घर में रिद्धि-सिद्धि का वास कराती है। समय के साथ हटड़ी के स्वरूप में परिवर्तन आया है। अब बाजारों में कृत्रिम और धातु से निर्मित हटडिय़ां भी मिलने लगी हैं। मिट्टी की हटड़ी न मिलने की स्थिति में लोग इनका उपयोग करने लगे हैं, लेकिन पारंपरिक हटड़ी की मांग और महत्व आज भी बरकरार है।

आसान नहीं है हटड़ी बनाना

हटड़ी बनाना आसान कार्य नहीं है। मिरासी- मांगणियार परिवार दस दिन पहले से इसकी तैयारी शुरू कर देते हैं। लाल मिट्टी और घोड़े की लीद का मिश्रण बनाकर बांस की लकडिय़ों से ढांचा तैयार किया जाता है। इस ढांचे को भरकर सुखाया जाता है, फिर उस पर रंगीन चित्रकारी और सजावट की जाती है। हटड़ी में दीपक रखने के लिए अलग स्थान भी बनाया जाता है। बुजुर्ग बताते हैं कि पूर्व में ये परिवार दीपावली, विवाह या पुत्र जन्म जैसे शुभ अवसरों पर हटड़ी भेंट करते थे। बदले में उन्हें गुड़, नारियल, ओढऩी या अन्य भेंट दी जाती थी। इस परंपरा को निभाने वाले परिवार आज भी अपनी पीढिय़ों तक इस सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखे हुए हैं।

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रोती मां, बुजुर्ग दादा और पति को छोड़कर प्रेमी के साथ लिव इन में गई थी युवती, अब प्रेमी ने रखने से किया इंकार

Jodhpur News: … जो अपने माता-पिता की ही नहीं हुई, वह किसी और की क्या होगी….। जोधपुर के वायरल वीडियो पर एक यूजर ने सोशल मीडिया पर यही कमेंट किया था और यह कमेंट अब पूरी तरह से सच भी होता नजर आ रहा है। मामला एक युवती के परिवार, शादी और प्रेमी से जुड़ा है। उसने जिस प्रेमी के लिए परिवार और पति को त्यागा, उसी प्रेमी ने अब उसे छोड़ दिया। युवती को नारी निकतेन भेजा गया है।

शादीशुदा थी, लेकिन प्रेमी के लगातार संपर्क में थी युवती

दरअसल पूरा मामला जोधपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र ओसियां से जुड़ा हुआ है। ओसियां में स्थित एक गांव में रहने वाली एक युवती के परिवार और पति से जुड़े इस मामले ने सभी को चौंका दिया है। ओसियां के ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाली एक युवती दूसरे समाज के युवक के साथ प्रेम में थी। परिवार ने उसे समझाया, वह नहीं मानी तो उसकी शादी भी कर दी। लेकिन शादी के बाद भी वह प्रेमी के संपर्क में रही।

प्रेमी के बिना नहीं रह सकती, परिवार को भी छोड़ दिया

प्रेमी से दूरी नहीं बना सकी तो उसने अपने पति को छोड़ दिया। पति ने पत्नी के माता-पिता से शिकायत की और बाद में पुलिस थाने में मिसिंग रिपोर्ट दी। पुलिस ने युवती को तलाश लिया और उसे उसके माता-पिता के हवाले किया। लेकिन युवती ने पति और माता-पिता के साथ रहने से इंकार कर दिया। वह प्रेमी के पास जाना चाहती थी।

अब परिवार ने भी अपनाने से किया इंकार, बनाई दूरी

बेटी को समझाने के प्रयास में मां लगातार रोती रही, दादा और पिता उसे समझाते रहे। पुलिस ने भी समझाने का प्रयास किया लेकिन युवती ने प्रेमी के पास जाने को आखिरी फैसला बताया और रोते परिवार को छोड़ गई। अब सूचना सामने आ रही है कि प्रेमी ने भी युवती को अपनाने से इंकार कर दिया। पुलिस ने उसे नारी निकेतन भेजा है। यह भी जानकारी सामने आई है कि परिवार ने भी अब मुंह मोड लिया है।

विधानसभा में विधायक ने उठाया था भागने वाली बहन-बेटियों का मुद्दा

उल्लेखनीय है कि जोधपुर के ओसियां से ही विधायक भैराराम सियोल ने हाल ही में विधानसभा में भी पति, परिवार छोड़कर और कम उम्र में प्रेमियों के साथ फरार होने वाली युवतियों का मामला उठाया था। उनकी मांग थी कि सरकार कानून बनाए और माता-पिता की अनुमति से होने वाली लव मैरिज को ही मान्यता दी जाए।

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